कृष्ण
कृष्ण

कृष्ण कन्हैया


आए हैं कृष्ण कन्हैया
हर्षित हैं बाबा मैया
धूम मची चहुँ ओर
खुशियां मनाइए।।

आए है तारणहार
होगा दुर्जन संहार
स्वागत करें मिलके
घर में बुलाइए।।

बादल बरस रहे
कालिंदी भी खूब बहे
आए हैं दुख मिटाने
गुणगान गाइए।।

हुई ब्रजभूमि धन्य
उनसा न कोई अन्य
सौम्य सुंदर रूप को
हिय में बसाइये।।

नंद के दुलारे हैं
जन जन के प्यारे हैं
मुरलीधर गोपाला
दरस दिखाइए।।

सूरत है बड़ी प्यारी
मयूर मुकुट धारी
कमलनयन प्रभो
कृपा बरसाइए।।

नारायण मधुसूदन
माधव मनमोहन
कठिन जीवनपथ
राह दिखलाइये।।

सृष्टि में है धूम मची
ईश ने ये लीला रची
माँ यशोदा के लाल को
मन से ही ध्याइए।।

*©डॉ एन के सेठी*

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