जीवन मूल्य पर आधारित कविता-राजकिशोर धिरही

जीवन मूल्य पर आधारित कविता


कोई भी विपदा आ जाए,
कभी नहीं घबराना।
बाधाओं से लड़कर के ही,
हमको बढ़ते जाना।।

सत्य मार्ग में चलकर के हम,
लक्ष्य सदा पा सकते ।
कठिन डगर भी हो फिर भी हम,
मंजिल तक जा सकते।।

अधिकार मिले जो भी हमको,
उसको पढ़ना होगा।
वंचित करना चाहे हमको,
आगे बढ़ना होगा।।

भाईचारे की चाहत रख,
प्रेम शांति से रहना।
हम सब एक रहें दुनिया में,
हाथ जोड़ के कहना।।

अच्छा हो व्यवहार हमारा,
यह है जिम्मेदारी।
अडिग रहें जवाबदेही पर,
नर हो या हो नारी।।

सहनशील बनके रहना है,
कभी नहीं हम हारे।
गलती से कोई कुछ कह दे,
उनको तो मत मारे।।

राजकिशोर धिरही
तिलई,जांजगीर छत्तीसगढ़


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