Send your poems to 9340373299

जो भारत मां के प्यारे हैं -शिवराज चौहान

0 223

जो भारत मां के प्यारे हैं -शिवराज चौहान

CLICK & SUPPORT


*कलम तू बोल जय उनकी,*
*जो भारत मां के प्यारे हैं।*
*वो सूरज हैं वो चंदा हैं,*
*वो बलिदानी सितारे हैं।।*
ये मिट्टी की ही खुशबू थी,
उसी की थी वो मद मस्ती।
उतारूं आज मैं कर्जा,
लगी तब जिंदगी सस्ती।।
उठाया भाल भारत का,
स्वयं के शीश तारे हैं…

पिलाया दूध छाती का,
कहे किस्से कहानी थे।
प्रेरणा पुंज वो हरदम,
जवानी की रवानी थे।।
नमन माता पिताओं को,
जिन्होंने पूत वारे हैं…

लगा सिंदूर का टीका,
दी बीवी ने विदाई थी।
बांधकर राखी बहना ने,
सजाई जो कलाई थी।।
रंगा सिंदूरी लाली में,
हाथों शत्रु संहारे हैं…

मेरे बच्चे मेरे साथी,
समूचा देश है अपना।
ध्वज झुकने नहीं पाये,
तिरंगा ओढ़ना सपना।।
गगन में गूंजते हरदम,
उन्हीं के जय जयकारे हैं…
कलम तू बोल जय उनकी,
जो भारत मां के प्यारे हैं…

*शिवराज चौहान*
*नांधा*, रेवाड़ी
(हरियाणा)
*१५-०८-२०२०*

Leave A Reply

Your email address will not be published.