जय जय वरदानी

जयति मातु जय जय वरदानी।
सब जग पूजे मुनि जन ज्ञानी।।
नित नित ध्यान करूँ मैं माता।
तुम सब जन की भाग्य विधाता।।

मातु ज्ञान की तुम हो सागर।
जगत ज्ञान से करो उजागर।।
सदा मातु बसना तुम वाणी।
जय जय वंदन वीणापाणी।।


          …..भुवन बिष्ट

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *