Join Our Community

Send Your Poems

Whatsapp Business 9340373299

कृपाण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

0 1,009

घनाक्षरी छंद विधान: कृपाण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

कृपाण घनाक्षरी विधान

  • ३२ वर्ण(८८८८) प्रतिचरण
  • चार चरण समतुकांत
  • ८,८,८,८ पर यति हो, एवं
  • चारो यति समतुकांत अनिवार्य
  • चरणांत गुरु लघु २१ (गाल)

कृपाण घनाक्षरी विधान का उदाहरण

वर्षा नीर

CLICK & SUPPORT

माने जाने भू की पीर,
साथी सारे हैं जो धीर,
गायें पौधे कागा कीर,
रक्षे भैया वर्षा नीर।

ले कुदाली आओ बीर,
चेतो पानी रक्षा गीर,
वर्षा पानी औ समीर,
गो बचालें वर्षा नीर।

ध्यानी मानी हैं बे पीर,
पानी है तो है अमीर,
होली रंगोली अबीर,
रक्षें साथी वर्षा नीर।

बापी टाँके नदी तीर,
राखो तो साफ सुधीर,
दोहे गाए थे कबीर,
आओ रक्षे वर्षा नीर।

बाबूलाल शर्मा *विज्ञ*

Leave A Reply

Your email address will not be published.