कारगिल जंग के वीर
वतन की हिफाजत के लिए त्याग दिए प्राण।
तुमने आह!तक नहीं किये त्यागते समय प्राण।।
सीने पर गोली खा के हो गये देश के लिए शहीद।
मुख में था मुस्कान गोली खा के भी बोले जय हिंद।।
मेरे वतन के जांबाज सिपाहियों तुमको शत्-शत् नमन।
कारगिल जंग के वीर शहीदों तुमको शत् शत् श्रद्धा सुमन।। 1।।
धन्य हैं जिसने तुमको आंचल में छुपा कर दुध पीलाई वो माता।
धन्य है जिसने तुमको हाथ पकड़कर चलना सीखलाया वो पिता।।
धन्य है जिसने तुमको वीरता की राखी पहनाई वो बहन।
धन्य है जिसने तुम्हारे लिए सदा जीत की दुआ मांगती वो पत्नी।।
मेरे वतन के जांबाज सिपाहियों तुमको शत्-शत् नमन।
कारगिल जंग के वीर शहीदों तुमको शत् शत् श्रद्धा सुमन।। 2।।
जब तक रहेगा सुरज-चांद अमर रहेगा तुम्हारा नाम।
हिंद देश के हिंदुस्तानी कर रहे हैं तुमको बारंबार प्रणाम।।
मां-बाप के आंखों के तारा भारत माता की सपूत वीर।
अपने खून से सजाया तुमने भारत माता की तस्वीर।।
मेरे वतन क जांबाज सिपाहियों तुमको शत्-शत् नमन।
कारगिल जंग के वीर शहीदों तुमके शत् शत् श्रद्धा सुमन।। 3।।
वीर शहीदों भारत मां की सपुत करते हैं तुमपे नाज।
श्रद्धा सुमन के दो फूल समर्पित करते हैं हम तुम को आज।।
जिसने बहाया अपना खून – पसीना वो है कितना महान।
धन्य हुई भारत मां की मिट्टी की रख ली आन बाण शान।।
मेरे वतन के जांबाज तुमको शत् – शत् नमन।
कारगिल जंग के वीर शहीदों तुमको शत् शत् श्रद्धा सुमन।। 4।।
कर दिए वीरान दुश्मनों ने वो माता-पिता के गुंजते आंगन।
उजाड़ दिए माथे की सिंदूर इक पतिव्रता नारी की सुहागन।।
अगल कर दिए भाई-बहन के प्रेम की रक्षा-बंधन से।
कर दिए अलग वीर सपूत को भारत माँ की दामन से।।
मेरे वतन के जांबाज सिपाहियों को बारंबार नमन।
कारगिल जंग के वीर शहीदों तुमको शत् शत् श्रद्धा सुमन।।5।।
✍पुनीत राम सूर्यवंशी “सोनाखान”
ग्राम-लुकाउपाली छतवन
पोस्ट-रीकोकला
जिला-बलौदाबाजर छत्तीसगढ़