खुद से वादा – सुशी सक्सेना

खुद से वादा

साहिब, खुद से भी एक वादा करना है।
मंजिल तक पहुंचने का इरादा करना है।
नित नए संघर्ष होंगे, जीवन के पथ पर,
मगर सवार हो कर, उत्साह के रथ पर।
कांटों भरा हो या फूलों भरा, जारी ये सफ़र रखना,
कदम जमीं पर हो, और आसमां पर नजर रखना।
मुश्किलें सर झुका दें, तेरे कदमों पर,
नित नए तुफां होंगे, जीवन के पथ पर,
नईया जब डगमगाने लगे तो धैर्य न खोना,
कदम जब लड़खड़ाने लगे तो तुम मत रोना।
खुद पे विश्वास और खुदा का जो साथ होगा,
सफलता का दामन, फिर तेरे हाथ होगा।
लहरा तो दुनिया में अपने साहस का परिचम
दिखला दो कि हम नहीं हैं, किसी से कम
झुकना नहीं है, किसी भी तुफान के आगे,
बस मंजिल तक पहुंच जाएं, ऐसे बढ़ाओ कदम।

Sushi….

Leave A Reply

Your email address will not be published.