कमजोरो पर कविता

कमजोरो पर कविता

कमजोर पर सभी हिमत दिखाते हैं
लोग पत्थर से क्यों नही टकराते है
एक पीछे एक चलते हैं
क्यों नही कुछ अलग कर दिखाते है
कुछ बढ़िया कर जाते हैं
महान बनने के लक्षण सभी में नही पते है
क्यों लोग;
कमजोर पर हिमत दिखाते हैं

साल निकल गए
कि ताक नही
आज सभी सेवक
और सेवा करना चाहते है
पता नही क्या साबित करना चाहते है
सेवा या दिखावा या चला चल माया
क्या करना चाहते हैं

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