Send your poems to 9340373299

माँ की ममता – सुश्री गीता उपाध्याय

0 4,489

परम्परानुसार इस दिन प्रतीकात्मक उपहार देने तथा कुछ परम्परागत महिला कार्य जैसे अन्य सदस्यों के लिए खाना बनाने और सफाई करने को प्रशंसा के संकेत के रूप में चिह्नित किया गया था। मातृ दिवस, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में कई देशों में 8 मार्च को मनाया जाता हैं।

2nd Sunday of may Mother's Day
2nd Sunday of may Mother’s Day

माँ की ममता
विधा:- गज़ल

मैं हूँ कदमों में उठा ले मुझको।
माँ तू सीने से लगा ले मुझको।।

कब से रोये ही जा रही हूँ मैं।
तू आ के चुप तो करा ले मुझको।।

CLICK & SUPPORT

तेरे दिल का ही एक टुकड़ा हूँ।
अपनी धड़कन में मिला लें मुझको।।

ये तेरी गोद मेरी जन्नत है।
मेरी जन्नत में बिठा ले मुझको।।

इक शिवा तेरे सबसे डरती हूँ।
अपने आँचल में छुपा ले मुझको।।

तेरी ममता के लिए रूठी हूँ।
माँ की ममता से मना ले मुझको।।

‘गीता’ लोरी को तरसती निंदिया।
तू लोरी गा के सुला ले मुझको।।


— सुश्री गीता उपाध्याय
रायगढ़ (छत्तीसगढ़)

Leave A Reply

Your email address will not be published.