माधुरी मंजरी -चरित्र
माधुरी मंजरी —
24/12/19
●◆■★ चरित्र ★■◆●
मैं मेरा का ज्ञान दे ,
मन की गाँठें खोल ।
राम चरित्र सुनाइए ,
जो अनुपम अनमोल ।।1।।
रामचरितमानस रचे ,
कवि कुल तुलसीदास ।
दोहा चौपाई सदन ,
करते राम निवास ।।2।।
सदाचार अपनाइए ,
चलिए जीवन राह ।
एक यही शुभ साधना ,
छोड़ और परवाह ।।3।।
वही अमर है जगत में ,
जिनके शील चरितव्य ।
उदाहरण अपनाइए ,
अन्य छोड़िये द्रव्य ।।4।।
धर्म ग्रंथ सुनिए सदा ,
करें उसे चरितार्थ ।
जीवन रस मिलते सदा ,
करने को पुरुषार्थ ।।5।।