महाशिवरात्रि पर कविता – उपमेंद्र सक्सेना

बने आप भोले जहर पी लिया सब, लगें आप हमको सब से ही न्यारे
निवेदन करें हम महादेव प्यारे, न डूबें कभी भी हमारे सितारे।

बजे हर तरफ आपका खूब डंका, न होती किसी को कहीं आज शंका
भवानी की चाहत हो क्यों न पूरी, बनी थी तभी तो सोने की लंका
मिली दक्षिणा में जिसे एक दिन वह, नहीं फिर रही थी उसी के सहारे
निवेदन करें हम महादेव प्यारे,न डूबें कभी भी हमारे सितारे।

रखें सोम के दिन यहाँ लोग व्रत जब, भला कोई तेरस वे क्यों भुलाएँ
करें आपका जाप जो लोग हर दिन, सदा आप उनको सुखों में झुलाएँ
सदा पूजते सुर- असुर आपको सब, बनें आपकी वे आँखों के तारे
निवेदन करें हम महादेव प्यारे, न डूबें कभी भी हमारे सितारे।

सदा से रही आस्था आप पर ही, बहाते रहें प्यार से खूब गंगा
मिले सज्जनों को न अब कष्ट कोई, रहे मन सभी का यहाँ आज चंगा
रहे आपकी ही कृपा- दृष्टि हम पर, लगेगी तभी नाव अपनी किनारे
निवेदन करें हम महादेव प्यारे, न डूबें कभी भी हमारे सितारे।

गमों से हमें दूर रखना सदा ही, न बीमारियाँ भी हमें अब सताएँ
जलें आज हमसे रखें बैर जो भी, कभी भूल से भी नहीं पास आएँ
मिले चैन की नींद हमको यहाँ पर, न धन की कमी हो बनें काम सारे
निवेदन करें हम महादेव प्यारे, न डूबें कभी भी हमारे सितारे।

रचनाकार- ✍️उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट


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