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महिमा वीर नारायण के

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महिमा वीर नारायण के

महिमा वीर नारायण के ये,जे भुइँया म भारी जी।
सोनाखान हवय हमरो ,बलिदानी के चिन्हारी जी।

जन-जन के हितवा बनके,जे बेटा बिताईन जी।
धन के लोभी छलिया मन ल,निसदिन यही सताइन जी।
माल खजाना लूट लूट के, निर्धन मन ल दान करे।
भांज अपन तलवार ल मेंछा,म साहस के ताव भरे।
ममता दया करे जेकर बर, छत्तीसगढ़ महतारी जी।
सोनाखान हवय हमरो ,बलिदानी के चिन्हारी जी।

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नाम अमर हे बलिदानी के,छत्तीसगढ़ परिपाटी म।
आज भी जेहर हवय बिराजे,ये भुइँया के माटी म।
सोनाखान धरा के धुर्रा,पबरित जइसे चंदन हे।
बलिदानी के ये महिमा ल,कोहिनूर के वंदन हे।
कल बलिदानी लड़ीस न्याय बर,अब हे हमरो पारी जी।
सोनाखान हवय हमरो ,बलिदानी के चिन्हारी जी।

वीर नारायण लड़ीस न्याय बर,अब हे हमरो पारी जी।
सोनाखान हवय हमरो ,बलिदानी के चिन्हारी जी।

डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

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