मानस रोग-माधुरी डड़सेना
मानस रोग
तन के रोगी का सफल ,
करते सभी इलाज ।
मन के मानस रोग को,
पहचानो तुम आज ।। 1।।
षट्विकार से बद्ध तन ,
रहते हर पल साथ ।
प्रेरित करते बन प्रबल,
इंद्रिय गहते हाथ ।।2।।
काम क्रोध मद लोभ वश ,
मोह जनित व्यवहार ।
मुदित माधुरी मंजरी ,
सद्गुरु चल दरबार ।। 3।।
माधुरी डड़सेना नगर पंचायत भखारा छ.ग.
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद