मनीभाई नवरत्न के नव वर्ष स्पेशल गीत व कविता
मनीभाई नवरत्न के नव वर्ष स्पेशल गीत व कविता

नव वर्ष का अभिनंदन
१)
बीते लम्हों की तरह
अब के पल यूँ ना बीत जाए
तो आओ कुछ इरादों को ,कुछ वादों को
संकल्पों से पूरा करें
मस्त होकर जन-जन।
नव वर्ष का अभिनंदन।।
२)
दुख के घड़ी बहुत बितायें
अब कुछ अच्छा हो जीवन में
हमें नित प्रगति करना है
गांधी मत की संगति करना है
तोड़ परवश का बंधन।
नव वर्ष का अभिनंदन।।
३)
गुजरे जमाने को दबाए हुए
इतिहास के पन्नों पर।
खुली किताब रहे नया जमाना
ताकि भीनी खुशबू से उड़े,
प्रेम ,अहिंसा ,अमन।
नव वर्ष का अभिनंदन।।
४)
चेहरों पर मुस्कान खिले
मन के सारे ग़म घुले
सजाये ऐसी काव्य रंगोली
बने रात दीवाली और दिवस होली
हंसे निश्छल,जैसे कोई बचपन।
नव वर्ष का अभिनंदन।।
✒️ मनीभाई’नवरत्न’
आज लगने लगा मौसम नया
आज लगने लगा मौसम नया ,
नई कुछ बात है ।
सूरज की रज को छेड़ती
शबनम की बरसात है।
खिल उठे सबके मन की कली
हुई कैसी करामात है।
थिरक रहा गगन पवन
गा रहा डाल पात है ।
जुड़ रहे सब के दिल यहां
बंध रहा एक एक नात है।
उत्सव मनाता जन-जन
मानो इस साल की बारात है।
और सही तो है नव वर्ष आया
दूल्हे की तरह ।
और शायद इसी वजह ।
टूट रहे हैं सबके मन के बंधन।
मेरी तरफ से आप लोगों को
“नव वर्ष का अभिनंदन”।
मनीभाई ‘नवरत्न’,
नव वर्ष का अभिनंदन
सांसे चलना भूल जाये
दिल धड़कना भूल जाये
सूरज चमकना भूल जाये
पानी बहना भूल जाये
कोई परवाह नही,कोई शिकवा नही
मगर तू भूल जाये
एक पल,एक लम्हा के लिए
मुझे यह गवारा नही
ना भूलो तुम,ना भूले हम
ना भूले ये रिश्ता अपनी बंधन
नव वर्ष की अभिनंदन ।
मनीभाई नवरत्न
आ गयी नयी सुबह -मनीभाई नवरत्न
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Very nice sir ji.