मस्ती कर मस्ताने दीवाने परवाने- मनीभाई नवरत्न
मस्ती कर मस्ताने दीवाने परवाने
मस्ती कर मस्ताने दीवाने परवाने ।
ये पल कल मिले कौन जाने कब जाने?
धुनी रमा अपने मन की,
छुले तारे गगन की ।
आगे बढ़ सबसे ,बनके सयाने ।।
समेट ले सारी खुशियां,
बटोर ले सारी कलियां।
चूम ले धारा को रिश्ते ये पुराने ।।
नजरों से खेले मन की लड़ियां ।
दिल में छाए प्रीत की छड़ियां ।।
आये इस दुनिया में प्रेम के बहाने।।
–मनीभाई नवरत्न