नवनिर्माण पर कविता
पत्थरों और ईंटों में
हुआ मुकाबला
मची होड़
एक-दूसरे को
मुंहतोड़ जवाब देने की
पत्थर से ईंट
ईंट से पत्थर
खूब टकराए
टूटी ईंटें
क्षतिग्रस्त हुए पत्थर
हो जाता मुकाबला
दोनों में
कौन करेगा
सुंदर नवनिर्माण
तब मुकाबले के साथ-साथ
हो जाती राह प्रशस्त
नवनिर्माण की
बन जाते भवन
नहर, पुल, सड़क
व अन्य
जीवनोपयोगी संसाधन।
–विनोद सिल्ला
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भैया नमन आपकी लेखनी को प्रणम्य