————– नए साल की बधाई – – – – – – – – – –

अतीत के साए में,बीते पल गुजर गए,
संघर्ष के मैदान में,परिश्रमी संवर गए।
2022 में मेहनतकशों को मंजिल मिल गया,
मुरझाए हुए,तन्हा,चेहरों में हंसी खिल गया।
प्रकृति ने भी खुशनुमा,माहौल है सजाई,
आप सभी लोगों को,नए साल की बधाई।

प्रकृति अपनी रीत,हर-पल दोहराती है,
यादों के झरोखों में,बीते लम्हें पुकारती है।
आशाओं के मेघ,कर्म के रूप में जल बहाती है।
मजदूर,किसान के कर्म से,फसल लहलहाती है। हंस जैसा बनकर,आत्मसात करो अच्छाई,
आप सभी लोगों को,नए साल की बधाई।

द्वेष-क्लेश को,अंतर्मन से भुल जाओ,
परोपकार से मानव-प्रेम में,घुल जाओ।
अस्पृश्यता,सांप्रदायिकता को बहिष्कृत करो,
स्वच्छ-निर्मल,व्यवहार को निज जीवन में भरो।
अभियान से,खत्म करो सामाजिक बुराई,
आप सभी लोगों को,नए साल की बधाई।

माता-पिता,गुरूजनों का नित करो सम्मान,
ज्ञान के प्रकाश से,हिन्द को बनाओ महान।
स्वतंत्रता-सेनानियों का,हर-पल करो बखान,
जन्मभूमि की करो रक्षा,तिरंगा है हमारी शान।
भारतीय संस्कृति में,संपूर्ण विश्व है समाई।
आप सभी लोगों को,नए साल की बधाई।

बीते वर्ष किसी को मिला खुशी,किसी को गम,
आशा है इस वर्ष,मंजिल की ओर बढ़ेगा कदम।
अथक प्रयास से दूर होगा,निराशा – विफलता,
निरंतर मेहनत से,सभी को मिलेगा सफलता।
कहता है’अकिल’कमियों का करो विदाई,
आप सभी लोगों को,नए साल की बधाई।

अकिल खान
सदस्य,प्रचारक “कविता बहार” जिला-रायगढ़ (छ.ग.)


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