नव वर्ष पर कुण्डलिया छन्द
आया नूतन वर्ष यह ,चहुँ दिश भरा उमंग l
हुआ प्रफुल्लित देख मन ,सदा रहे ये रंग ll
सदा रहे ये रंग , मिलें खुशियाँ मनचाहीं I
रहे समय अनुकूल , मिटें घड़ियाँ अनचाहीं ll
कह ‘माधव’कविराय ,पड़े न दुःख की छाया I
उन्नति करो हज़ार , साल सुन्दर जो आया Il
प्यारा लगता है बहुत , देख गज़ब उल्लास I
दिन – दूना निशि चौगुना , होता रहे विकास ll
होता रहे विकास , मिले सम्मान प्रतिष्ठा l
धन वैभव भरपूर , सदा उत्तम हो निष्ठा Il
कह ‘माधव’कविराय ,तुम्हें फल दे यह न्यारा l
नशा व्यसन कर त्याग , वर्ष नूतन ये प्यारा ll
#स्वरचित
#सन्तोष कुमार प्रजापति “माधव”
#कस्बा,पो. – कबरई जिला – महोबा(उ. प्र.)