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अन्य काव्य शैली

कुछ ले दे के साब ( व्यंग्य ) – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस व्यंग्य को केवल व्यंग्य की दृष्टि से ही पढ़े यह केवल मनोरंजन के लिए है | जो भी सन्दर्भ इसमें दिए गए हैं वे केवल…

मातृभूमि- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में कवि एक वीर सैनिक की माँ की भावनाओं को व्यक्त कर रहा है जो अपनी माँ से कहकर गया था कि वो युद्ध जीतकर…