Send your poems to 9340373299

पानी की मनमानी

0 392

पानी की मनमानी

पानी की क्या कहे कहानी
जित देखो उत पानी पानी 
     पानी करता है मनमानी ।।

भीतर पानी बाहर पानी 
सड़को पर भी पानी पानी 
दरिया उछल कूदते  धावें 
तटबन्धों तक पानी पानी ।।

याद आ गयी सबको नानी 
पानी की क्या कहे कहानी 
          पानी करता है मनमानी ।।

CLICK & SUPPORT

न सेतु न पेड़ रोकते 
न मानव न पशु टोकते 
प्राणी भागे राह खोजते 
पानी मे सब जान झोंकते 

अपनी जिद अड़ गया पानी 
पानी की क्या कहे कहानी 
               पानी करता है मनमानी ।।

उछल कूदती नदिया धावें 
लहरों पर लहरें हैं जावे 
एक दूजे से होड़ लगावे 
सागर से मिलने को धावें 

नदिया झरने कहे कहानी 
पानी की क्या कहे कहानी 
          पानी करता है मनमानी ।।


सुशीला जोशी 
मुजफ्फरनगर

Leave A Reply

Your email address will not be published.