राम- नाम ही सत्य रहेगा

श्री रामचंद्र भगवान पर आधारित उपमेंद्र सक्सेना
की रचना पढिय़े

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्ररामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मणभरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया।

jai sri ram
ramji par hindi kavita

राम- नाम ही सत्य रहेगा

वर्ष पाॅंच सौ गुजरे रोकर, अब हमको आराम मिला।
इतने पापड़ बेले तब ही, भव्य राम का धाम मिला।।

सच्चे राम- भक्त जो होते, नहीं किसी से वे डरते।
भोले बाबा उनकी सारी, इच्छाएँ पूरी करते।।
जय बजरंग बली की बोलें, वे कष्टों को हैं हरते।
जो उनसे नफरत करते हैं, देखे घुट-घुट कर मरते।।

राम लला आजाद हो गए, सुख अब आठों याम मिला।
इतने पापड़ बेले तब ही, भव्य राम का धाम मिला।।

सदा आस्था रही राम में, अब तक थे हम दबे हुए।
जो बाधा बनकर आए थे, जल- भुन काले तबे हुए।।
मर्यादाओं के मीठे में, आज पके सब जबे हुए।
संघर्षों के चने यहाॅं पर, लगते हैं सब चबे हुए।।

आज अयोध्या नगरी को भी, एक नया आयाम मिला।
इतने पापड़ बेले तब ही, भव्य राम का धाम मिला।।

राम -नाम ही सत्य रहेगा, तो हम क्यों उसको छोड़ें।
‘सत्यमेव जयते’ से भी हम, कभी न अपना मुॅंह मोड़ें।।
राम -राज्य भी अब आया है, उससे हम नाता जोड़ें।
बाधाओं की यहाॅं बेड़ियाॅं, मिलजुल कर हम सब तोड़ें।।

जिनके सपने भटक रहे थे, उनको एक मुकाम मिला।
इतने पापड़ बेले तब ही, भव्य राम का धाम मिला।।

रचनाकार-

उपमेंद्र सक्सेना एड०
‘कुमुद- निवास’
बरेली (उत्तर प्रदेश)
मो० नं०- 98379 44187

Leave A Reply

Your email address will not be published.