कविता प्रकाशित कराएँ

हम सब एक परिवार हैं

राष्ट्र निर्माण के लिए , भारतीय पुत तैयार हैं ।
एकता के साथ खड़े हैं , हम सब एक परिवार हैं ।।

ना मेरा – ना तेरा , भारत हमारा है ।
वसुदेव कुटुंबकम से , परिवार विश्व सारा है ।।

भारत माता के गले में , सुंदर एक माला है ।
हिंदू , मुस्लिम , सिख , इसाई , चुन-चुन कर पुष्प डाला है ।।

एक धागे में पिरो कर , सबको एक करना है ।
चाहे कितना भी संकट आए , फिर क्यों उनसे  डरना है ।।

अमीर गरीब का भेद हटे , ना कोई अत्याचार हो ।
ऐसा कुछ प्रबंध करें , पूरा भारत परिवार ।।

#गुलाब ठाकुर#
महासमुंद छत्तीसगढ

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *