Send your poems to 9340373299

रूप घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

0 704

घनाक्षरी छंद विधान: रूप घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

रूप घनाक्षरी का विधान

  • विधान:- ३२ वर्ण (८८८८) प्रतिचरण
  • १६,१६ वर्ण पर यति
  • चार चरण समतुकांत
  • चरणांत गुरु लघु (गाल)

रूप घनाक्षरी का उदाहरण

__भारती वंदन__

CLICK & SUPPORT

मात भारती वंदन
माटी तेरी है चंदन,
जन्मे जो रघुनंदन
आँचल में भगवान।

मान देश का रखते
शान तिरंगा रखते,
प्राण देह दे सकते
सपने शुभ अरमान।

लिखते छंद ज्ञान के
देश धरा ईमान के,
सत्ता देश विधान के
गाते जन गुणगान।

अरि को नष्ट करेंगें
सब आतंक मिटेंगे,
रंग सुरंग भरेंगे
बढ़े सदा तव शान।

-बाबूलाल शर्मा विज्ञ

Leave A Reply

Your email address will not be published.