घनाक्षरी छंद विधान: रूप घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’
रूप घनाक्षरी का विधान
- विधान:- ३२ वर्ण (८८८८) प्रतिचरण
- १६,१६ वर्ण पर यति
- चार चरण समतुकांत
- चरणांत गुरु लघु (गाल)
रूप घनाक्षरी का उदाहरण
__भारती वंदन__
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मात भारती वंदन
माटी तेरी है चंदन,
जन्मे जो रघुनंदन
आँचल में भगवान।
मान देश का रखते
शान तिरंगा रखते,
प्राण देह दे सकते
सपने शुभ अरमान।
लिखते छंद ज्ञान के
देश धरा ईमान के,
सत्ता देश विधान के
गाते जन गुणगान।
अरि को नष्ट करेंगें
सब आतंक मिटेंगे,
रंग सुरंग भरेंगे
बढ़े सदा तव शान।
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©~~~~~~~~बाबूलालशर्मा *विज्ञ*