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आज के समय की पुकार पर कविता

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आज के समय की पुकार पर कविता

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आओ हम सब एक बनें छोड़ बुराई नेक बनें।
जन-जनअपनाकरे सुधार आज समय की यही पुकार।
दहेज दानव का नाम मिटायें जलती बहु बेटी बचायेंगे।
जागरूक हो जतन करें निज डोली नहीं लुटेरे कहार।

सब कोई सोचे समझे सुने भ्रष्ट नेता कदापि न चुने।
भ्रष्ट नेताओं के कारण ही देश में बढता पापाचार।
सत्य धर्म से ना मुंह मोड़े जात-पात का झगड़ा छोड़े।
खुशीसे हक दें सबका जहाँ जिसका बनता अधिकार।

फँसे न निजस्वार्थ क्रोधमें लगेंसभी शुभ सत्य शोध में।
भारत की संस्कृति सभ्यता पावनतम कहता संसार।
कल पर कोई बात न टालें गद्दारों को खोज निकालें।
दृढ़ देश का प्रावधान हो धोखा नहीं खायें सरकार।

जियें मरें हम राष्ट्र धर्म में मानव धर्म शुभ कर्म में।
यही भाव हो जनमानस में सादा जीवन उच्च विचार।
शुचि कवि लेखक पत्रकार सकल हिन्दी सेवी संसार।
हिन्दी में हर कार्य करें हम मातृभाषा का हो प्रचार।

साक्षरता अभियान चलायें गो वध शीघ्र बन्द करायें।
पाल पोस कर गो माता को स्वर्ग भू पर करें साकार।
विष पी कर भी मुस्करायें सेवामें शुभ कदम बढायें।
पर पीड़ा हर करें भलाई बाबूराम कवि हो तैयार।


बाबूराम सिंह कवि
बडका खुटहाँ, विजयीपुर
गोपालगंज(बिहार)841508
मो॰ नं॰ – 9572105032

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