Send your poems to 9340373299

सर्वधर्म सार तत्व (दोहे)

0 4,224

सर्वधर्म सार तत्व (दोहे)

बाइबिल नीतिवचन
नीतिवचन से सीख लें, मोल महत्तम माप।
बुद्धि स्वर्ण से उच्च है, सच पतरस की नाप।।

बुद्धि
बुद्धि क्षेत्र परिमाप को, दें इतना विस्तार।
चाँदा घूमें नापने, जोड़ करें साकार।।

यहोवा
जन्म यहोवा को दिया, मरियम तारनहार।
येरुशलम भूभाग पर, चरणी में अवतार।।
कुरान

आयतें
अरज आयतें मानिए, कहता कर्म कुरान।
मानवता का पाठ है, नियत रखें ईमान।।

मुस्लिम
अहद वहम् को तोड़ते, स्वार्थ परक अरमान।
तज फसाद मुस्लिम पढ़ें, आयत के फरमान।।
त्रिपिटक

CLICK & SUPPORT

बुद्ध
चरैवेति नित लक्ष्य ले, कर्म भावना शुद्ध।
आत्म ज्ञान अर्जन किया, बोधि वृक्ष से बुद्ध।।

सम्यक ज्ञान
त्रिपिटक सम्यक ग्रंथ में, मूल मंत्र यह मित्र।
वाणी दर्शन राखिये, चंचल चित्त चरित्र।।
आगम

पंचशील
अपरिग्रह अस्तेय सह, सत्य अहिंसा मान।
ब्रह्मचर्य है पाँचवा, जैन धर्म के ज्ञान।।

महावीर
तीर्थंकर चौबीसवें, राज भोग कर त्यक्त।
तीस बरस की उम्र में, ज्ञानी मोह विरक्त।।
वैदिक ग्रंथ

वेद
धर्म पुरातन विश्व में, वेद ऋचाएँ मर्म।
कर्मठ जन कल्याण के, मूल मंत्र सत्कर्म।।

======03/03/2021=======

Leave A Reply

Your email address will not be published.