शाला और शिक्षक को समर्पित कविता
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शाला और शिक्षक को समर्पित कविता
वही मेरी जन्मभूमि है .
वही मेरी जन्मभूमि है .
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जहाँ मैंने बातों को समझा
जहाँ से खुला आनंद द्वार ।
भटक जाता राहों में शायद
गुरु आपने ही लगाई पार ।
आशीष सदा आपकी, नहीं कोई कमी है।
वही मेरी जन्मभूमि है ।
वही मेरी जन्मभूमि है ।
हमने जो पूछा, वो सब बताया।
सच्चे राहों में जीना, ये सिखाया ।
आज हम निर्भर हैं, खुद पर
वो आपकी रहमों करम पर ।
कोई इसके सिवा जो सोचे, गलतफहमी है।
वही मेरी जन्मभूमि है ।
वही मेरी जन्मभूमि है ।
हार्दिक बधाई सर उत्कृष्ट सृजन