शबरी की भक्ति

शबरी पर हुई गुरु कृपा,
दीन्हो कुटी निवास।
दर्शन होंगे राम के,
राखो दृढ़ विश्वास।।
शबरी पंथ बुहारती,
इत उत देखे धाय।
आयेगी कब शुभ घड़ी,
राम मिलेंगे आय।।
आवत देखे दूर से,
दौड़ कुटी में जाय।
चखे बेर पत्तल रखे,
मन में अति हरषाय।।
खात प्रेम से राम फल,
लखन रहे सकुचाय।
आज हुआ जीवन ,फल,
रही नयन फल पाय।।
नाता मानू भक्ति का,
कह रघुवर समझाय।।
वरणन नवधा भक्ति का,
सहज परम पद पाय।।
पुष्पा शर्मा”कुसुम”
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