शिव में ध्यान लगा

bhagwan Shiv
शिव पर कविता

शिव में ध्यान लगा, रे मनुवा.
शिव में ध्यान लगा.
शिव में ध्यान लगा, रे मनुवा.
शिव में ध्यान लगा.

मौका मिला तुझे , शिव से मिलने को .
जाने ना दे ये पल, दिन है ढलने को ।
वरना होगा गुनाह, मिले ना फिर पनाह.
मन से अपने आलस भगा .
शिव में ध्यान लगा, रे मनुवा.
शिव में ध्यान लगा.

मंजिल है कठिन, और काँटों भरा .
शिवतेरा सहारा है, मिटे दुःख गहरा .
सब संभव है , तू जो मेरे पास है।
हटा दे मालिक बस, माया का पहरा ।
मेरे राम के प्यारे , बनो जी सहारे .
मेरे राम के प्यारे , बनो जी सहारे .
सिवा तेरे यहाँ , कोई ना सखा.
शिव में ध्यान लगा, रे मनुवा.
शिव में ध्यान लगा.

तुमसे भोला, ना कोई दूजा,
जग में है तेरा, नाम गूंजा.
देवों में महादेव,  सबसे बड़े
पाते हो विधाता , सबकी पूजा।
दुखहर्ता प्रभु, सुखदाता प्रभु,
दुखहर्ता प्रभु, सुखदाता प्रभु,
नींद से अपने को आज जगा,
शिव में ध्यान लगा, रे मनुवा.
शिव में ध्यान लगा.

-मनीभाई नवरत्न

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