श्री कृष्ण स्तुति
श्री कृष्ण स्तुति
सीता – छंद
परिचय – पंचदशाक्षरावृत्ति

गण-विन्यास–र त म य र
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–साँवरे श्रीकृष्ण मेरे दुर्गुणों को ही हरो। औरकोई भी कमी को ध्यान में नाही धरो।
मैं नवाऊँ माथ गोपीनाथ नैया तार दो।
दीनता मेरी मिटाके दोष सारे मार दो।।
मान लो मैं आपका हूँ आप मेरे हो सदा।
आपकी शोभा निराली आपकी ही ये अदा
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चाहता हूँ मैं निहारूँ आप को संसार में।
श्री यशोदानंद ऎसी जीत दे दो हार में।।
श्याम श्यामाश्री हमारी प्रार्थना पे ध्यान दो
ईश सारे विश्व में थोड़ा अभी सम्मान दो।।
प्राण के आधार हो गोविंद सारे लोक के।
प्रेम में ही आप से आशीष चाहूँ ढोक के।।
कृष्ण राधा नाम गाने से सभी पीड़ा हटे।
कीजिए कोई कृपा गोविंद कोरोना कटे।
हे मुरारी आज सारी वेदना को पीजिए।
विश्व में छाया अँधेरा दूर ही तो कीजिए।।
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– – – – रमेश शर्मा
खण्डार, सवाईमाधोपुर, राज.