शुभकामना विषय पर दोहा -बाबू लाल शर्मा


करूँ सदा शुभ कामना, उन्नत होवे देश।
भूमण्डल सरनाम हो, उज्ज्वल हो परिवेश।।

देश वासियों के लिये, नये साल संदेश।
जनता को शुभकामना, खुशियाँ सभी प्रदेश।।

सामाजिक परिवेश में, मानव मान समाज।
सबके हित शुभकामना, नये साल की आज।।

नारी को शुभकामना, मैं देता करजोर।
शक्ति देश की ये बने, बढ़े उन्नति ओर।।

राजनीति ऐसी करो, जो होवे निष्पाप।
नेताओं शुभकामना, देश सँवारो आप।।

छात्र सभी अच्छेे पढ़ें, ऊँचा कर दे नाम।
भावि उज्ज्वला के लिए, शुभाशीष शुभकाम।।

ऐसी है शुभकामना, मानवता हित मान।
दीन हीन दिव्यांग का, करें भला सम्मान।।

सैनिक को शुभकामना, जयति शहीद, जवान।
अनदाता दुख दूर हो, जय हम कहे किसान।।

लेखक जो साहित्य के, गुरुजन सभी सँभार।
है उनको शुभकामना, जिन पर गुरुतर भार।।

मात पिता के स्वप्न सब, करने हैं साकार।
दें उनको शुभकामना, ऊँचे रखो विचार।।

मजदूरों हित में रहे, नीति नियम सरकार।
सच्ची है शुभकामना, वे असली पतवार।।

हिन्दी हित शुभकामना, शुभ हो हिन्दुस्तान।
अपनी ताकत समझकर, झेंपें पाकिस्तान ।।

रीत प्रीत सद्भावना, रहे सभी इंसान।
प्यारी सी शुभकामना, नेह नीति ईमान।।

बिटिया सबको हो प्रिये, रहे मान अरमान।
मेरी है शुभ कामना, बेटी बने महान।।

उन सबको शुभकामना, रहा जिन्हे मैं भूल।
शर्मा बाबू लाल की, करना दुआ कबूल।।

©बाबू लाल शर्मा “बौहरा” ,विज्ञ

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