Send your poems to 9340373299

समय पर कविता

0 173

समय पर कविता

समय के पास
समय नहीं है
कि थोड़ी देर रुके
तुम्हारे लिए

अच्छा होगा
कि तुम भी न रूको
चलते रहो
समय के साथ

CLICK & SUPPORT

रुकने वालों का
कोई संवाद नहीं होता
कोई कहानी नहीं होती
कोई इतिहास नहीं होता

चलते रहने वालों
तुम चलते ही रहो
तुम्हारे बारे में
एक दिन
समय सबको बताएगा

— नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
9755852479

Leave A Reply

Your email address will not be published.