वीर नारायण सिंह माटी के शान

छत्तीसगाढ़ी रचना

वीर नारायण सिंह माटी के शान देस बर अजादी, नइ रिहिस असान ।वीरमन लड़ीन अउ, हाेगिन बलिदान ।सबोदिन हे अगुआ म छत्तीसगढ़िया ।वीर नारायण सिंह ह, इ माटी के शान। इक बेला राज म, महा दुकाल छाइस।दुख पीरा घेरिस अउ सबला तड़पाइस।कइसे देखे भुखमरी हमर वीर सहासी।माखन ल लूटिस, फेर अनाज बटादिस। आंदोलन के बात … Read more

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आजादी के अलख जगैय्या

manibhai

आजादी के अलख जगैय्या वीर नारायण तोर जीनगी के एके ठन अधार।सादा जीवन जीबो अउ बढ़िया रखबो विचार।हक के बात आही त, नई झुकन गा बिंझवारअंग्रेज ला चुनौती देबो, मचा देबो हाहाकार। सोनाखान मा जनम लिस, रामराय परिवार।जेकर पूर्वज रिहीन तीन सौ गां के जमींदार।अकाल पढ़िस राज मा, भुखमरी के शिकार।वीर अपन आंखी ले तो … Read more

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माटी की शान वीर नारायण सिंह पर

manibhai

भारत को आजादी पाना इतना नहीं था आसान ।वीरों ने संघर्ष किया और किया अपना बलिदान ।अग्रगण्य हैं उनमें सदा छत्तीसगढ़ के वीर महान।शहीद वीर नारायण सिंह बने इस माटी की शान। भुखमरी का शिकार हो रहे थे ,हमारे प्रांतवासी।कोई नहीं देख सकता ऐसा दृश्य जो हो साहसी।क्रूर माखन का लूटा गोदाम, संकोच ना जरा … Read more

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महिमा वीर नारायण के

छत्तीसगाढ़ी रचना

महिमा वीर नारायण के महिमा वीर नारायण के ये,जे भुइँया म भारी जी। सोनाखान हवय हमरो ,बलिदानी के चिन्हारी जी। जन-जन के हितवा बनके,जे बेटा बिताईन जी। धन के लोभी छलिया मन ल,निसदिन यही सताइन जी। माल खजाना लूट लूट के, निर्धन मन ल दान करे। भांज अपन तलवार ल मेंछा,म साहस के ताव भरे। … Read more

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