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#अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम” के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

मुझे वो अपना गुजरा ज़माना याद आया – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

मुझे वो अपना गुजरा ज़माना याद आया, कविता, अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम" - यह रचना बचपन की यादों का एक झरोखा है । बचपन…

मैं न हिन्दू हूँ , न मुसलमान हूँ – कविता – अनिल कुमार गुप्ता…

इस कविता के माध्यम से कवि धर्म से ऊपर उठ इंसानियत को तवज्जो दे रहा है और इस पंक्तियों के माध्यम से भीतर के इंसान को…