कर डरेन हम ठुक-ठुक ले कविता बहार Jun 10, 2019 0 कर डरेन हम ठुक- ठुक लेपुरखा के रोपे रूख राईकर डरेन हम ठुक-ठुक ले.. ……नोहर होगे तेंदू चार बर..जिवरा कईसे…
हिंदी कविता धरती के श्रृंगार कविता बहार Jun 10, 2019 0 धरती के श्रृंगारवृक्ष हमारी प्राकृतिक सम्पदा,धरती के श्रृंगार हैं!प्राणवायु देते हैं हमको,ऐसे परम उदार…
विविध छंदबद्ध काव्य वृक्ष कोई मत काटे कविता बहार Jun 10, 2019 0 वृक्ष कोई मत काटेकाटे जब हम पेड़ को,कैसे पावे छाँव।कब्र दिखे अपनी धरा,उजड़े उजड़े गाँव।।उजड़े उजड़े गाँव,दूर…
विश्व पर्यावरण दिवस पर दोहे कविता बहार Jun 10, 2019 0 विश्व पर्यावरण दिवस पर दोहेसरिता अविरल बह रही, पावन निर्मल धार ।मूक बनी अविचल चले, सहती रहती वार ।।हरी-भरी…
हिंदी कविता प्रकृति मातृ नमन तुम्हें कविता बहार Jun 10, 2019 0 प्रकृति मातृ नमन तुम्हेंहे! जगत जननी, हे! भू वर्णी….हे! आदि-अनंत, हे! जीव धर्णी।हे!…
कुछ तोड़ें कुछ जोड़ें कविता बहार Jun 10, 2019 0 कुछ तोड़ें कुछ जोड़ें5 जून विश्व पर्यावरण दिवस 5 June - World Environment Dayचलोआज कुछरिश्ते तोड़ें,चलोंआज…
हिंदी कविता गर्मी बनी बड़ी दुखदाई कविता बहार Jun 10, 2019 0 गर्मी बनी बड़ी दुखदाई*सुबह सुहानी कहाँ गई अब,* *दिन निकला दोपहरी आई ।* *जलता सूरज तपती धरती,* *गर्मी बनी बड़ी…
हिंदी कविता पेड़ धरा का हरा सोना है कविता बहार Jun 10, 2019 0 पेड़ धरा का हरा सोना है ये कैसा कलयुग आया हैअपने स्वार्थ के खातिरइंसान जो पेड़ काट रहा हैअपने ही पैर में…
दोहा विश्व पर्यावरण दिवस पर कविता कविता बहार Jun 10, 2019 0 विश्व पर्यावरण दिवस पर कविता5 जून विश्व पर्यावरण दिवस 5 June - World Environment Dayधानी चुनरी जो पहन,करे…
हिंदी कविता बाते सोलह आने सच है कविता बहार Jun 4, 2019 0 बाते सोलह आने सच हैपानी के लिए कुँएँ बावली नल में होता है खूब जमावमहाराष्ट्र में लगा था धारा 144 देख कर भीड़…