Tag: मोबाइल पर कविता
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टेचराही….(व्यंग) दिन आगे कइसा
टेचराही….(व्यंग) दिन आगे कइसा गोरर-गोरर केजिनगी सहीचलत हे नेट,महिना पुटभरे परथेभरे झन पेट। दु दिन आघुमटकत रहिथेआरो मोबाइल मफोन आथे छोकरी केकहिथे ,स्टाइल म। जल्दी…
टेचराही….(व्यंग) दिन आगे कइसा गोरर-गोरर केजिनगी सहीचलत हे नेट,महिना पुटभरे परथेभरे झन पेट। दु दिन आघुमटकत रहिथेआरो मोबाइल मफोन आथे छोकरी केकहिथे ,स्टाइल म। जल्दी…