हिंदी संग्रह कविता-वह जीवन भी क्या जीवन है

वह जीवन भी क्या जीवन है वह जीवन भी क्या जीवन है, जो काम देश के आ न सका।वह चन्दन भी क्या चन्दन है, जो अपना वन महका न सका। जिसकी धरती पर जन्म लिया, जिसके समीर से श्वास चलीजिसके अमृत से प्यास बुझी, जिसकी माटी से देह पली। वह क्या सपूत जो जन्मभूमि के, … Read more

हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम।

हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम।उम्मीदें रखो दिल पर छोड़ो ना लगाम। आंधी आ जाए ,घरोंदे टूट जाए।आंधी थमने दो, जो हुआ रहने दो।फिर से बनाओ अपना मुकाम ।।हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम। माथे पे पसीना आकर सुख जाए ।मेहनत ऐसी कि … Read more

एक पेड़ की दो शाखाएं

एक पेड़ की दो शाखाएं एक पेड़ की दो शाखाएं ,एक हरी तो एक सुखी ।एक तनी तो एक झुकी।।ऐसे ही जीवन में दो पहलू हैकोई जश्ने चूर है तो कोई दुखी।।जब तक होठों में प्यास है ।तब तक कोई उदास है ।।खिलते हैं होंठ फिर सेजब प्यास बुझी बुझी ।।ऐसे ही …. जब दुनिया … Read more

जीवन विद्या पर कविता

जीवन विद्या पर कविता जीवन रूपी विद्या, होती है सबसे अनमोल ।जानके ये विद्या, तू जीवन के हर भेद खोल।। आया कैसे इस दुनिया में , समझ तू कौन है?इस प्रश्नों के उलझन में, “मनी “क्यों मौन है ?समझ कर इस रहस्य को,जानो अपना रोल।जानके ये विद्या को, तू जीवन के भेद खोल।। स्वयं में … Read more

जीवन रुपी रेलगाड़ी – सावित्री मिश्रा

जीवन रुपी रेलगाड़ी कभी लगता है जीवन एक खेल है,कभी लगता है जीवन एक जेल है।पर  मुझे लगता है कि ये जीवनदो पटरियों पर दौड़ती रेल है।भगवान ने जीवन रुपी रेल काजितनी साँसों का टिकट दिया है,उससे आगे किसी ने सफर नहीं कियासुख और दुख जीवन की दो पटरियाँ,शरीर के अंग जीवन रुपी रेल के … Read more