जलती धरती/मनोज कुमार
ईश्वर की दी धरोहर हम जला रहे हैं/मनोज कुमारईश्वर की दी हुई धरोहर हम जला रहे हैंलगा के आग पर्यावरण दूषित कर…
जलती धरती/प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना
जलती धरती/प्रेमचन्द साव "प्रेम",बसनाविश्व प्रदूषित हो रहा,फैल रहा है रोग।मानव सारे व्यस्त है,करने निज सुख…
शिवरात्रि विशेष/डॉ0 रामबली मिश्र
अद्वितीय शिव भोले काशी/डॉ0 रामबली मिश्रअद्वितीय शिव भोले काशी।अदा निराली प्रिय अविनाशी।।रहते सबके अंतर्मन…
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना/सुशी सक्सेना
नारी की गौरव गाथा/सुशी सक्सेनाप्रसिद्ध बड़ी है जग में, नारी की गौरव गाथा है।हर रूप में प्यार हमें देती है,…
जलती धरती/पूनम त्रिपाठी
जलती धरती/पूनम त्रिपाठीघरती करे पुकार मानव सेमुझे न छेड़ो तुम इंसानबढ़ता जाता ताप हमाराक्यों काटते पेड़ हमारापेड़…
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना/डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
नारी सम्मान/डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।नारी को जो शक्ति समझता।उसको सबसे ऊपर रखता।।इक नारी में सकल नारियां।भले…
जलती धरती/श्रीमती शशि मित्तल “अमर”
जलती धरती/श्रीमती शशि मित्तल "अमर"आओ कुछ कर लें प्रयासधरती माँ को बचाना है,दूसरों से नहीं रखें आसस्वयं कदम…
जलती धरती/डॉ0 रामबली मिश्र
जलती धरती /डॉ0 रामबली मिश्रसूर्य उगलता है अंगारा।जलता सारा जग नित न्यारा।।तपिश बहुत बढ़ गयी आज है।प्रकृति…
वेतन पर कविता / स्वपन बोस “बेगाना”
वेतन पर कविताकर्म करों फल मिलेगा मेहनत तो महिना भर होंगया, फिर वेतन कब मिलेगा ।सूनों सहाब डालोगे…
पतझड़ और बहार/ राजकुमार ‘मसखरे’
जीवन के दो पक्ष हैं,"पतझड़ और बहार ''ये घुप अंधेरी रातों मेंधरा को जगमग करने दीवाली आती जो जगमगाती !सूखते,झरते…