आज बेटी किसी की बहू
आज बेटी किसी की बहूगीत - उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेटदर्द को जो समझते नहीं हैं कभी, बेटियों से किसी की करें…
कविता
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०उपमेंद्र सक्सेनाके हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .