हाँ ये मेरा आँचल-वर्षा जैन “प्रखर
हाँ ये मेरा आँचलआँचल, हाँ ये मेरा आँचलजब ये घूंघट बन जाता सिर परआदर और सम्मान बड़ों काघर की मर्यादा बन जाता है…
कविता
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर 0वर्षा जैन प्रखर के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .