तुलसी पिरामिड
हे
विष्णु
प्रिया माँ
तुलसी तू
सब जग की
माता सुख दाता
तुलसी महारानी ।
हे
श्यामा
सुर वल्ली
ग्राम्य माता
तुमको मना
दीप जलाकर
वाँछित फल पाऊँ।
ले
जन्म
विजन
आई है माँ
भवन मेरी
हरि की प्यारी तू
श्यामवर्णी हे माते।
हे
श्यामे
तुम हो
गुणकारी
रोग ऊपर
रूज से रक्षा रत
संजीवनी हो तुम ।
हो
सर्दी
खाँसी तो
या बुखार
काली मिर्च व
तुलसी के पत्ते
उबालें काढ़ा पी लें।
हो
गर
दस्त तो
तुलसी के
पत्ते को जीरे
मिला के पीस लें
दिन में तीन बार ।
केवरा यदु “मीरा “