उनसे मेरा प्यार महादेव की निशानी है

जब नायक नायिका से बेइन्तहां सच्ची मोहब्बत करता है उनसे मिलने का वक्त आता है तो नायिका के तरफ से कुछ विरोधी खड़े हुए तब अन्त मे नायक इस कविता के द्वारा उनके सामने खुले रुप मे आगाज करता है –

उनसे मेरा प्यार महादेव की निशानी है

थाम  लो  बखूबी  हाथ आने से  रोको उन्हे
अपने   इलाके   मे   शेर   सी  कहानी  है ।

मानो  ना  मानो  ये  बिधि का  बिधान  जान
उनसे  मेरा  प्यार  महादेव  की  निशानी है।।

बेशक  खड़ा  हूं   मै  अकेला   ही  देख  लो
ताकत  है  सत्य  की  अधर्म  की  रवानी  है।

मोहब्बत  के  रास्ते मे  षड़यंत्र तुम सोचो गर
आर्यन ‘ की नजरों मे  नामर्द की निशानी है।।

तुम चाहें हजार लोग एक होकर विरोध करो
वक्त  की  बर्बादी  कुछ  हाथ  नही आनी है।

धोखे  मे  मत  रहना  ऐलान  फिर  करता  हूं
जीतना  ही  लक्ष्य  मैने  हार  नही  मानी  हैं।।

इज्जत से पेश आओ तो दिल से लगाऊंगा
नफरत  की  दुनिया में  महफिल  जमानी है।

आर – पार  करता हूं  दोस्ती  हो  या दुश्मनी
खोलकर  पढो  मेरी  बड़ी लम्बी कहानी है ।।

अमन  चैन  आया  तो  ठुकराने  लगे  आप
समझदार  होकर  सच  बात  नही  जानी है।

मैं   हूं  उनका   वो   बनी   सिर्फ   मेरे   लिये
सोच लो अब आप आगें बात क्या बढ़ानी है।।

प्रस्तुति –
युवाकवि एन्ड रचनाकार आर्यन सिंह यादव

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