शहीदों पर कविता
शहीदों पर कविता

वीर जवानों तुझे सलाम

आन – बान और शान देश की नही रुकने देते।
वन्दे मातरम गान तिरंगा झंडा़ नहीं झुकने देते ।
देश हित में फूलते-फरते करते सदा देशका नाम।
देशकी खातीर जीते मरते वीर जवानों तुझेसलाम।

बुरे नियत वालों को नाकों चना चबवा देते।
दुश्मनों को धूल चटा छण भर में छक्का छुडा़ देते।
राष्ट्र रोग को सदा ही हरते रहते शुबहो – शाम।
देशकी खातीर जीते मरते वीर जवानों तुझे सलाम।

सभ्यता संस्कृति अखंड़ता सदा बचा करके।
हो जाते शहीद हँसकर विष भी पी मुस्का करके।
माँ भारतीका वंदन करते कभी नहींकरते विश्राम।
देशकी खातीर जीते मरते वीर जवानों तुझेसलाम।

शत नमन वंदन अभिनंदन है वीर जवानों को।
मिटने देते कभी नहीं भारत भव्य अरमानों को ।
जोश उत्साह जतन मेंभरते कभी नहीं होते हो बाम।
देशकी खातीर जीते मरते वीर जवानों तुझे सलाम।

विश्व गुरू गरिमा अछुण्ण बनाते नहीं खोने देते।
बाबूराम कवि छवि देश की धूमिल नहीं होने देते।
अटल दृढ़ पथ से नहीं हटते देश ही तेरा चारों धाम।
देशकी खातिर जीते मरते वीर जवानों तुझे सलाम।

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बाबूराम सिंह कवि
ग्राम-खुटहाँ पोस्ट-विजयीपुर
जिला-गोपालगंज (बिहार)841508
Babumsing [email protected]

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