विनाशकारी तंबाकू- महदीप जंघेल (विश्व तंबाकू निषेध दिवस कविता)
तंबाकू छोड़ो ,जिंदगी से नाता जोड़ो।
31 मई को दुनिया भर में हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है, जो वर्तमान में दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक मौतों का कारण बनता है, जिनमें से 890,000 गैर-धूम्रपान करने वालों का परिणाम दूसरे नंबर पर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य राज्यों ने 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस बनाया। पिछले इक्कीस वर्षों में, दुनिया भर में सरकारों, सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों, धूम्रपान करने वालों, उत्पादकों से उत्साह और प्रतिरोध दोनों मिले हैं।

विनाशकारी तंबाकू- महदीप जंघेल (विश्व तंबाकू निषेध दिवस कविता)
तंबाकू पान गुटका शराब ,
तन मन को करे पूरा खराब।
रोगों से जूझते उम्र भर लोग,
परिवार को करे पूरा बर्बाद।
खाने वाले कहते है ,
तंबाकू से आता बड़ा मजा।
कैंसर जैसे घातक रोगों से घिरकर,
मिलता भयंकर कड़ा सजा।
तंबाकू का नशा न जाने,
निगल गया कितने घर बार।
तन मन जीवन नष्ट करके,
फूंक दिए घर -घर में आग।
तंबाकू गुटका खैनी, न जाने,
कितने बीमारियों को बुलाता है?
फेफड़े को जलाकर, न जाने,
कितनो को सुलाता है?
तंबाकू के सेवन करने से ,
पूरा तन मन जलता है।
जिंदगी तबाह करने के लिए,
न जाने ये क्यों बनता है?
तंबाकू के सेवन करने में,
कितने घर हो गए बर्बाद ?
उत्पादक और विक्रेता,देखो
कितने हो गए आबाद?
तंबाकू को मत खाना ,कभी
तबाही को मत बुलाना कभी।
नशा नाश का जड़ है यारो,
परिवार को मत रुलाना कभी।
जीवन रूपी सागर में,
नशा का जहर मत घोलो।
अनुपम और अनमोल जीवन को,
नशा के दलदल में मत धकेलो।
तंबाकू खाना छोडोगे, तो
दांत भी मोती-सा चमकेंगे।
तन मन स्वस्थ रहेगा हरपल,
चेहरा भी चंदा-सा दमकेंगे।
तंबाकू,गुटका,सिगरेट,शराब से,
न जाने, कितने परिवार जला है?
तंबाकू सेवन से अब तक यारो,
किसका हुआ भला है?
रचना- महदीप जंघेल
निवास- खमतराई,खैरागढ़
जिला – राजनांदगांव(छ.ग)
आप सभी का धन्यवाद
धन्यवाद,ऐसे ही प्रोत्साहित करते रहिए।
बहुत ही अच्छी रचना महदीप भैया
very nice
Bhut badhiya bhaiya aise hi aap aage bdhe yhi kamna hai hmari
उत्कृष्ट सृजन सर जी 🙏🙏