वतन पर कविता

आओ झुक कर सलाम करें
उन्हें जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है।
बड़े खुशनसीब हैं वो
जिनका खून वतन के काम आता है ।
फिक्रमंद हैं वे हमारे लिए
निस्वार्थ सेवा में हमें बता दिया।
कितना लगाव है उनको हमसे
उनके त्याग ने यह जता दिया ।
अब आदत हो गई हमारी कि
हर पल लबों में उन्हीं का नाम आता है ।
बड़े खुशनसीब हैं वो
जिनका खून वतन के काम आता है।
बहुत कम होते हैं
जिसने सर्वस्व राष्ट्र पर लुटा दिया ।
खून का एक एक कतरा सींचकर
जन्मभूमि का ऋण चुका दिया ।
बेकार न जाता है कोई बलिदान
हर शहादत पर एक अंजाम आता है
बड़े खुशनसीब हैं वो
जिनके खून वतन के काम आता है ।
उनकी कुर्बानी ने
सबकी सोई आत्मा जगा दी ।
मन के अंधियारें में
देश प्रेम की ज्योति जला दी ।
उनकी वीरता की तारीफ जुबान में
अब सरेआम आता है ।
बड़े खुशनसीब है वो
जिनका खून वतन के काम आता है.
मनीभाई नवरत्न