छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर कविता
चलो नवा सुरुज परघाना हे

छत्तीसगढ़ राज्य पायेहन
चलो नवा सुरुज परघाना हे !
भारत माता के टिकली सहिक….
छत्तीसगढ़ ल चमकाना हे !!
जेन सपना ले के राज बने हे
साकार हमला करना हे!
दिन -दुगनी ,रात -चौगुनी
आगे -आगे बढ़ना हे !
सरग असन ये भुईया ल….
चक- चक ले चमकाना हे!!
मिसरी असन भाखा हे
मीठ -बोली- जबान हे ,
दया-मया अंचरा में बांधे,
छत्तीसगढ़ीया के पहिचान हे !
दूध बरोबर उज्जर मन हे….
नई जाने कपट – बहाना हे !!
जांगर टोर कमा -कमा के
धरती ले सोना ऊपजाथे न
एको सुख ल नई जाने ,
परबर महल बनाथे न !
परे -डरे बिछड़े मनखे ल….
उखर अधिकार दिलाना हे !!
सबो बर रोजगार रहे
न करजा कोनो ऊधार रहे ,
सुन्ना कोनो न चुलहा रहे
लांघन न कोई परिवार रहे!
भारत माता के ये बेटी ल……
दुल्हीन सहीक सम्हराना हे!!
दूजराम साहू
निवास- भरदाकला
तहसील -खैरागढ़
जिला -राजनांदगांव (छ. ग.)
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद