मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले / कबीरदास
मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले / कबीरदास स्रोत : पुस्तक : कबीर समग्र (पृष्ठ 767) रचनाकार :कबीर प्रकाशन : हिन्दी प्रचारक पब्लिकेशन प्रा.लि., वाराणसी (2001) मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले हीरा…
मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले / कबीरदास स्रोत : पुस्तक : कबीर समग्र (पृष्ठ 767) रचनाकार :कबीर प्रकाशन : हिन्दी प्रचारक पब्लिकेशन प्रा.लि., वाराणसी (2001) मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले हीरा…
मैं जीने लगी वक्त का सरकनाऔर उनके पीछेमेरा दौड़ना ये खेल निरन्तर चल रहा हैकहाँ थे औरकहाँ आ गये। कलेन्डर बदलता रहा पर मैं यथावतजीने की कोशिशभागंमभाग जिन्दगी कितना समेटूमैं…
आंसू पर कविता HINDI KAVITA || हिंदी कविता दर्द जब पिघलता है तो बह आते हैं आँसूसुख में हों या हो दुख में रह जाते हैं आँसू विकट वेदना पीर…
रामप्रसाद बिस्मिल एक क्रान्तिकारी थे जिन्होंने मैनपुरी और काकोरी जैसे कांड में शामिल होकर ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध बिगुल फूंका था। वह एक स्वतंत्रता संग्रामी होने के साथ-साथ एक कवि…
यहाँ राष्ट्रीय सादगी दिवस के अवसर पर एक कविता प्रस्तुत की जा रही है: सादगी का रंग सादगी का रंग हो प्यारा,सीधा-सादा जीवन हमारा।चमक-दमक को भूल चलें हम,सादगी में ही…
वर्ल्ड जूनोसिस डे हर साल 6 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य जूनोटिक रोगों (पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले रोग) के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन लुई पाश्चर द्वारा पहली सफल रेबीज वैक्सीन का परीक्षण करने की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। जूनोसिस रोगों को रोकने के लिए अच्छे स्वच्छता उपाय, पशुओं का टीकाकरण और उचित पशु चिकित्सा देखभाल महत्वपूर्ण हैं।
छत्तीसगढ़ कविता छत्तीसगढ़ परिचय (दोहा छंद ) नामकरण पर राज्य के, मत हैं विविध प्रकार।चेदिसगढ़ था नाम शुभ , हीरा के अनुसार।। रहते थे छत्तीस कुल , जरासंध के काल…
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस (International Olympic Day) प्रत्येक वर्ष 23 जून को आयोजित किया जाता है। यह दिन मुख्य रूप से आधुनिक ओलंपिक खेलों के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता…
विश्व वर्षावन दिवस (World Rainforest Day) के अवसर पर कविता में विविधता और सौंदर्य का वर्णन किया जाता है। इसमें वर्षा के मौसम की सुंदरता, उसके साथ आने वाले खुशियों…
नरेंद्र वैष्णव जी का "सावन के दोहे"" काव्य विशेष रूप से उनकी कविताओं में एक प्रमुख पहलू हैं। वे उत्तर भारतीय संस्कृति और भारतीय जीवन-दर्शन को अपनी कविताओं में प्रकट…