गणेश वंदना -दूजराम साहू

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से जाना जाता हैं। इसे “विनायक चतुर्थी” भी कहते हैं । महाराष्ट्र में यह उत्सव सर्वाधिक … Read more

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छत्तीसगढ़ी भोजन बासी पर कविता

छत्तीसगाढ़ी रचना

छत्तीसगढ़ के गाँव में बोरे बासी का बहुत ज्यादा महत्व है। मजदूर किसान सभी काम पर जाने से पहले घर से बासी खाकर निकलते हैं। बासी के महत्व को जानने वाले छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने भी 1 मई को मजदूर दिवस के दिन बासी खाकर मजदूरों का सम्मान करने की अपील की है। अब से छत्तीसगढ़ में मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप में मनाया जायेगा.

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मोर गांव मोर मितान

छत्तीसगाढ़ी रचना

मोर गांव मोर मितान जिसके रचनाकार अनिल जांगड़े जी हैं । कविता ने ग्रामीण परिवेश का बहुत सुंदर वर्णन किया है। आइए आनंद लें । मोर गांव मोर मितान मोर गाॅंव के तरिया नदिया,नरवा मोर मितानरूख राई म बसे हवय जी,मोर जिंनगी परान। गली खोर के मॅंय हंव राजा,दुखिया के संगवारी हंवदया धरम हे सिख … Read more

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लोक गीत -उपमेंद्र सक्सेना

छत्तीसगाढ़ी रचना

लोक गीत -उपमेंद्र सक्सेना जाकी लाठी भैंस बाइकी, बाकौ कौन नाय अबु जनि हैकमजोरन की लुगाइनन कौ,दइयर तौ भौजाई मनि है। ब्याहु पड़ौसी को होबन कौ, बाके घरि आए गौंतरियापपुआ ने तौ उनमैं देखी, गौंतर खाउत एक बहुरियाबाके पीछे बौ दीबानो, औरन कौ बौ नाहीं गिनि हैकमजोरन की लुगाइनन कौ, दइयर तौ भौजाई मनि है। … Read more

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वीर नारायण सिंह माटी के शान

छत्तीसगाढ़ी रचना

वीर नारायण सिंह माटी के शान देस बर अजादी, नइ रिहिस असान ।वीरमन लड़ीन अउ, हाेगिन बलिदान ।सबोदिन हे अगुआ म छत्तीसगढ़िया ।वीर नारायण सिंह ह, इ माटी के शान। इक बेला राज म, महा दुकाल छाइस।दुख पीरा घेरिस अउ सबला तड़पाइस।कइसे देखे भुखमरी हमर वीर सहासी।माखन ल लूटिस, फेर अनाज बटादिस। आंदोलन के बात … Read more

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होबै ब्याहु करौ तइयारी – उपमेंद्र सक्सेना

होबै ब्याहु करौ तइयारी चलिऔ संग हमारे तुमुअउ, गौंतर खूब मिलैगी भारीराम कली के बड़े लला को, होबै ब्याहु करौ तइयारी। माँगन भात गई मइके बा, लेकिन नाय भतीजी मानीबोली मौको बहू बनाबौ, नाय करौ कछु आनाकानीजइसे -तइसे पिंड छुड़ाओ, खूबै भई हुँअन पै ख्वारीराम कली के बड़े लला को, होबै ब्याहु करौ तइयारी। पहिना … Read more

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हमर छेरछेरा तिहार पर कविता

छत्तीसगाढ़ी रचना

गीत – हमर छेरछेरा तिहार ============================= सुख के सुरुज अंजोर करे हे,हम सबझन के डेरा म। हाँसत कुलकत नाचत गावत,झूमत हन छेरछेरा म।। //1// आज जम्मो झन बड़े बिहनिया, ले छेरछेरा कुटत हे। कोनलईका अउ कोन सियनहा,कोनो भी नई छूटत हे। ये तिहार म सब मितान हे,इही हमर पहचान हावय। मनखे मन ल खुशी देवैईया,सोनहा … Read more

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महिमा वीर नारायण के

छत्तीसगाढ़ी रचना

महिमा वीर नारायण के महिमा वीर नारायण के ये,जे भुइँया म भारी जी। सोनाखान हवय हमरो ,बलिदानी के चिन्हारी जी। जन-जन के हितवा बनके,जे बेटा बिताईन जी। धन के लोभी छलिया मन ल,निसदिन यही सताइन जी। माल खजाना लूट लूट के, निर्धन मन ल दान करे। भांज अपन तलवार ल मेंछा,म साहस के ताव भरे। … Read more

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तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना रे सुवाना

तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना रे सुवाना। पिया ला सुना देबे मोर गाना तरी हरी नाना। बेर उथे फेर , बेरा जुड़ाथे, रातके मोरे नीदियां उड़ाथे, अतक मया, मय काबर करें जतक करें ओतक तरसाथे। डाहर बैरी के देखत सुवाना जान डारिस सारा जमाना। तरी हरी … Read more

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गौ सिरतोन ईमान

छत्तीसगाढ़ी रचना

गौ सिरतोन ईमान जबले मारे गोरी नैइना के बान। जीना मोर होगे कठिन हो गय परेशान । (गौ सिरतोन ईमान) x 2 ले गय मोर जान गौ सिरतोन ईमान. मय नइ आये पाछु ,सुनले बेईमान । मया करे बर तय हो गय अघुआन । (गौ सिरतोन ईमान) x 2 ले गय मोर जान गौ सिरतोन … Read more

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