महान जननायक / अकिल खान

dr bhimrao ambedkar

14 अप्रैल सन1891में जन्म लिए,जननायक.
नाम था भीमराव,कर्म से कह लाए महानायक।
बचपन में,विद्यालय के बाहर अर्जित किए ज्ञान,
मजलूमो का जब विलुप्त हो चुका था,पहचान।
बालपन से मन में यह महान कार्य,ठान लिए,
समाज सुधार कार्य को,अपने संज्ञान में लिए।
न पूछो कैसे थे दिन? कैसी थी उनकी कहानी,
भेदभाव के चलते,मुश्किल से मिलता था पानी।
शिक्षा पर लोगों ने बनाया था,अपना अधिकार,
दलितों को ज्ञान से रखे थे,दूर कैसा था संसार। 
दृढ़ संकल्प से समाज को बनाया,रहने लायक,
डॉ.बीआर आंबेडकर जी हैं,महान जननायक।

कोलंबिया और लंदन में शिक्षा किए,हासिल,
समाज को बनाया लोगों के रहने के,काबिल। 

महाविद्यालयों में गुरू के रूप में हुए थे,दाखिल,
बाबासाहेब के मुरीद हो गए,समाज के कातिल।
माता-पिता,गुरु के आशीर्वाद से बनगए नेता,
जनसभा,लेखों से बन गए वो लोगों के चहेता।
बाबासाहेब के लिए लेखनी बना,लिखने लायक
डॉ.बीआर आंबेडकर जी हैं,महान जननायक।

सभी के लिए निर्मित किए,एक महान संविधान,
संपूर्ण जग में अलग पहचान बनाया,हिन्दुस्तान।
26जनवरी1950 से मनाते हैं, गणतंत्र दिवस,
बुराईयों को छोड़ने के लिए लोग गए हैं,विवश।
जीवन के लिए संविधान बन गया है,सहायक,
डॉ.बीआर आंबेडकर जी हैं,महान जननायक।

जब समाज में बुराईयां,अस्पृश्यता थी व्याप्त,
तब बाबासाहेब ने कुरीतियों को किया,समाप्त।
कहता है’अकिल’,अच्छाइयों को कर्म में भर लो, 
हिन्द के लिए अपने जीवन को अर्पित,कर लो।
“जननायक” जी पर कविता है,प्रेरणा दायक,
डॉ.बीआर आंबेडकर जी हैं,महान जननायक।

14अक्टूबर1956 को अपनाए थे,बौद्ध धर्म,
सदा जन हितैषी, प्रेरणादायक था उनका कर्म।
6दिसंबर 1956को,जग को कह गए अलविदा,
महान व्यक्तित्व की यादें,संसार में रहेगी सदा।
हर क्षेत्र में शोक की लहर,दु:ख की बयार चली,
डा.बीआर अंबेडकर जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
धन्य है वह शख्स,जो नियमों को बदल दिए,
आजादी से जीने के लिए,मजबूत पहल किए।
मरणोपरांत “भारत रत्न” का मिला है सम्मान,

  इतिहास में बना गए,एक अलग ही पहचान।
प्यारे भारत वासियों,जरा याद उन्हें भी कर लो,
महान लोगों के यादों को,अपने हृदय में भर लो।
संविधान के नियम है,अनमोल,जीवनदायक,
डॉ.बीआर आंबेडकर जी हैं,महान जननायक।

अकिल खान.
सदस्य, प्रचारक” कविता-बहार” जिला – रायगढ़ (छ.ग.).