शिक्षक का आशीर्वाद

शिक्षक का आशीर्वाद

अमूर्त को मूर्त रूप देकर,जग को दिखलाया है,
शिक्षक,समाज में ज्ञान का महत्व को बताया है।
शिक्षक,शिक्षा से अज्ञानी को ज्ञानी है बनाया
शिक्षक,संसार मे सभी लोगों को है अपनाया।
बेशक,गुरू – कृपा से शिष्य हुए हैं आबाद,
जीवन में अनमोल है,शिक्षक का आशीर्वाद।

असहायों का ज्ञान से रोशन होता है जमीर,
ज्ञान अर्जित सभी करते हैं,गरीब हो या अमीर।
बुराईयों का अंत कर,फैलाइए ज्ञान का प्रकाश,
ज्ञान का मंदिर है विद्यालय,क्यों होते हो हताश।
शिक्षा से,समाज को कुरीतियों से करो आजाद,
जीवन में अनमोल है,शिक्षक का आशीर्वाद।

अस्पृश्यता,रंगभेद थी समाज की बुराई,
इनके विरूद्ध “शिक्षा” ने लडी है लडाई।
सांप्रदायिकता,सती-प्रथा का हुआ है अंत,
जब आए समाज में,शिक्षा का महान संत।
अशिक्षा का दैत्य ने,शिक्षा का किया फरियाद,
जीवन में अनमोल है,शिक्षक का आशीर्वाद।

गरीबी से लडकर,शिष्य बना है बडा अफसर,
ज्ञान से मिली पहचान,अब जीता है खुलकर।
सही गलत में फर्क करना वह जान लिया,
अपने गुरूओं को वह सर्वश्रेष्ठ मान लिया।
श्रेष्ठ ज्ञान से बन गया,शिष्य एक दिन उस्ताद,
जीवन में अनमोल है,शिक्षक का आशीर्वाद।

5 सितम्बर को सभी मनाईए ‘शिक्षक दिवस’,
डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का बढाईए,यश।
सभी लोगों को शिक्षा के बारे में बताओ,
अज्ञानता को लोगों के जेहन से हटाओ।
गुरूजनों,बुद्धिजीवियों को सहृदय धन्यवाद,
जीवन में अनमोल है,शिक्षक का आशीर्वाद।

हर-एक की दुनिया में,एक ऐसा होता है इंसान,
अथक प्रयासों से,शिष्य को बनाते हैं वो महान।
कहता है’अकिल’गुरू के लिए बोलूँ ये बोल,
“गुरू बनाता है शिष्य का जीवन अनमोल।”
श्रेष्ठ ज्ञान से बनाईए अपने,बुद्धि को फौलाद,
जीवन में अनमोल है,शिक्षक का आशीर्वाद।

अकिल खान.
सदस्य, प्रचारक “कविता बहार” जिला – रायगढ़ (छ.ग.).

दिवस आधारित कविता